Periods Jaldi Lane Ke Gharelu Upay in Hindi | आज की स्ट्रेस से भरी लाइफ स्टाइल के कारण अधिकतर महिलाएं अनियमित पीरियड्स (Irregular Periods) की वजह से परेशान रहती हैं और अंदर ही अंदर तनाव (Stress) से घिरा महसूस करती हैं। कई बार उनके पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। वैसे तो पीरियड्स मिस होने की सबसे कॉमन वजह प्रेग्नेंसी होती है। लेकिन अगर आप प्रेग्नेंसी (Pregnancy) प्लान नहीं कर रही हैं और फिर भी आपके पीरियड्स मिस हो रहे हैं तो इसकी कई वजहें हो सकती हैं। आम तौर पर पीरियड साइकल 28 दिन का होता है जो हर महीने इतने दिन के अंतर पर चलता रहता है। लेकिन अगर यह साइकल एक महीने बहुत लंबा और दूसरे महीने बहुत छोटा रहने लगे तो यह अनियमित या इरेग्युलर पीरियड्स माना जाता है।
पीरियड में देरी क्यों होता है ? – Causes of Delay in Period in Hindi
1. वजन का बढ़ना
वजन का बढ़ना भी पीरियड लेट का कारण माना जाता है। जी हां अगर आपका वजन कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है तो भी आपकी मेंस्ट्रुअल साइकल डिस्टर्ब हो सकती है। आपको बता दें कि वजन बढ़ने से या हॉरमोन्स का बैलेंस बिगड़ने से पीरियड्स अधिकतर मिस हो जाते हैं। इसके साथ ही माना जाता है कि अगर आपने ज्यादा डायटिंग की है तो भी पीरियड्स को लेकर ये समस्या महिलाओं को हो जाती है।
2. अधिक तनाव लेने पर
तनाव लेने से शरीर में कई तरह की और परेशानियों का जन्म होता है। ऐसे में जब आप तनाव लेती हैं तो फिर इससे सिस्टम में तनाव को बैलेंस करने वाले हॉरमोन्स बढ़ जाते हैं। जिसके कारण से महिलाओं के रिप्रोडक्टिव हॉरमोन्स भी डिस्टर्ब होते हैं। यही कारण है कि लगातार तनाव में रहने वाली महिलाओं को पीरियड्स मिस होने की समस्या अधिक रहती है।
3. PCOS होने पर
जी हां पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम भी पीरियड लेट या जल्दी होने की कॉमन वजह मानी जाती है। आजकल महिलाओं में ये समस्या तेजी से फैलती जा रही है। आपको बता दें कि यह समस्या आजकल कॉमन सी हो रही है, इस वजह से आपको कम या ज्यादा फ्लो हो सकता है। इस समस्या के होने पर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए
4. पेट में गांठ होने पर
कई बार आपको बिना किसी कारण से अचानक से एक महीने में पीरियड्स स्किप हो जाते हैं, तो ऐसा होने पर चिकित्सक के परामर्श करें, क्योंकि कई बार पेट में किसी प्रकार की गांठ होने पर भी पीरियड्स मिस होने की समस्या हो जाती है।
मासिक धर्म आने के लक्षण – Symptoms Your Period Is Coming in Hindi
पांच दिनों और दो सप्ताह के बीच, पीरियड शुरू होने से पहले आप ऐसे लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं जो आपको बताते हैं कि मासिक धर्म की अवधी शुरू होने वाली है।
- मुँहासे उत्पन्न होना
- स्तन में दर्द होना
- वजन बढ़ना
- चेहरे पर सूजन आना
- बेचैनी होना
- सिरदर्द या पीठ दर्द होना
- चिड़चिड़ापन महसूस होना
- थकान महसूस होना
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होना
- खाने की तीव्र इच्छा या अधिक भोजन करना
- मूड परिवर्तन (मूड स्विंग) या अवसाद जैसी समस्याएं उत्पन्न होना।
पीरियड्स (मासिक धर्म) लाने के घरेलू उपाय/ देरी से पीरिययड्स आने के उपाय –Periods Jaldi Lane Ke Gharelu Upay in Hindi
सभी के शरीर की संरचना अलग होती है। ऐसे में कई बार महिलाएं अपनी माहवारी को लेकर बहुत परेशान हो जाती हैं क्योंकि समय निकल जाने पर भी उनका पीरियड नहीं आता है। ऐसे में परेशान होने की बजाय या बाहरी कोई दवा लेने की बजाय कुछ घरेलू नुस्खे (Home Remedies for Periods Problem in Hindi) आजमाकर भी आप अपने पीरियड को आसानी से ला सकते हैं। दवा लेने से कई बार शरीर को नुकसान पहुंचता है। माहवारी तो आ जाती है लेकिन अपने साथ कई समस्याएं भी लेकर आती हैं। ऐसे में परेशानियों को झेलने की बजाय आप अपने किचन में ही मौजूद कुछ चीजों का यदि सही तरीके से नियमित रूप से सेवन कर लेंगे तो आपका काम आसानी से बन सकेगा।
1. अदरक
पीरियड न आने पर अदरक का सेवन करना शुरूकर दें। अदरक अनियमित मासिक चक्र को समय पर लाता है। एक कप पानी में एक चम्मच अदरक को डालकर थोड़ी देर के लिए अच्छे से उबाल लें, इसमें थोड़ी चीनी मिलाएं और दिन में तीन बार थोड़ा- थोड़ा इस मिश्रण को लें। यदि आपको इस मिश्रण को लेने में कोई समस्या है तो गुड़ के साथ सुबह अदरक खाना भी आपके लिए फायदेमंद रहेगा। आपका पीरियड आ जाएगा।
2. खड़ा धनिया
महिलाओं के रुके हुए पीरियड को लाने में खड़ा धनिया बहुत हद तक सहायक है। एक चम्मच खड़े धनिये को दो कप पानी में उबाल लें। जब पानी एक कप रह जाए तो गैस को बंद कर दें और उसे अच्छे से छान लें। इस पानी का दिन में तीन बार सेवन करें। यदि बराबर नियम से आप इसका सेवन करते रहेंगे तो यह माहवारी को लाने में बहुत प्रभावशाली रहेगा। पुराने समय से महिलाएं माहवारी को नियमित करने के लिए इस नुस्खे का प्रयोग करते आ रही हैं।
3. दालचीनी
दालचीनी तो सभी के किचन में मौजूद होती है क्योंकि इसका उपयोग दालों और सब्जियों के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है लेकिन लंबे समय से यदि आपकी माहवारी नहीं आ रही है तो दालचीनी का सेवन करें। यह आपके शरीर में आसानी से गर्मी पैदा कर सकेगी। इसे लेने के लिए एक गिलास गर्म दूध करें और उसमें इसका पाउडर मिला लें। यह उपाय आपके लिए बहुत सहायक साबित होगा और जल्द ही आपका पीरियड आ जाएगी।
4. गुड़ और अजवाइन
जिन महिलाओं की माहवारी रुक गई है, उन्हें अजवाइन के साथ गुड़ खाना चाहिए। मासिक धर्म को शुरू करने के लिए एक चम्मच गुड़ और एक चम्मच अजवाइन को एक गिलास में पानी में उबालें। पीरियड न आने पर प्रतिदिन सुबह खाली पेट इस पानी का सेवन करें। ऐसा करने से आपका रुका हुआ पीरियड आ जाएगा। इसके सेवन से मासिक धर्म को दौरान आपको दर्द भी कम होगा।
5. पपीते की मदद से
पपीता एक ऐसा फल है जिसमें बेहतरीन स्वाद के साथ ही भरपूर विटामिन भी पाए जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले कई पोषक तत्वों के साथ ही कैरोटीन भी पाया जाता है जो कि महिलाओं के पीरियड को जल्दी लाने में मददगार है। दरअसल पपीता खाने से एस्ट्रोजेन नाम का हार्मोन स्रावित होने के लिए प्रोत्साहित होता है।
6. तिल
तिल को अपनी नियमित डेट से 15 दिन पहले इस्तेमाल में लाएं। यह काफी गर्म होता है और इसलिए आपको नुकसान पहुंचा सकता है। तिल के दानों को दिन में 2-3 बार शहद के साथ लीजिए।
7. सौंफ
खाने के बाद अक्सर लोग सौंफ खाते हैं लेकिन आपको बता दें कि समय पर पीरियड्स होने के लिए भी सौंफ बहुत फायदेमंद है. सौंफ गर्भाशय में संकुचन पैदा कर पीरियड्स को सही समय पर लाने में मदद करता है। इसके अलावा सौंफ से पीरियड्स में होनें वाले दर्द में भी काफी राहत मिलती है। सबसे पहले एक बर्तन में एक से दो चम्मच सौंफ डालें और उसमें 4 कप पानी मिलाकर उसे 10 मिनट तक उबालें। अब इस पानी को ठंडा करके छान लें और दिनभर में थोड़ा-थोड़ा पीते रहें।
8. हल्दी
औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी सेहत के लिए बहुत अच्छी होती है। हल्दी में मौजूद ईमानोगॉग के चलते पीरियड्स समय पर नियमित रूप से होते हैं। इसके लिए आप कच्ची हल्दी का सेवन कर सकती हैं। सुबह खाली पेट थोड़ी सी कच्ची हल्दी को आप गुड़ के साथ ले सकती हैं। इसके अलावा आप एक ग्लास गर्म पानी या दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएं और पीरियड्स के लगभग दस दिन पहले से इसका सेवन करें। ऐसा करने से आपको पीरियड्स में होने वाले असहनीय दर्द में भी राहत मिलेगी।
सही समय पर पीरियड्स लाने के लिए डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए
लेट पीरियड्स आने पर कब चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए, इसके बारे में जानना भी आवश्यक है। इसी वजह से हम आगे बता रहे हैं कि डॉक्टर से संपर्क कब करना चाहिए
- सामान्य चक्र होने के बाद अगर अनियमित पीरियड्स होने शुरू हो जाएं।
- मासिक चक्र की सीमा 24 दिन की तुलना में अधिक या 38 दिन की तुलना में कम हो जाए।
- अगर काफी महीने से पीरियड्स नहीं हो रहे हों और गर्भवती भी न हों।
- एक से ज्यादा पीरियड्स मिस होने पर।
- यदि गंभीर दर्द या परेशानी में हैं, तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए।
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सही समय पर पीरियड्स लाने के लिए योगासन – Yoga Asanas to Get Periods Sooner in Hindi
पीरियड संबंधी समस्याओं से निजात पाने के लिए नियमित योगाभ्यास करना चाहिए। कुछ योग मासिक धर्म चक्र से जुड़ी समस्याओं में लाभकारी होते हैं।
1. मालासन
मासिक धर्म देर से या जल्दी आते हैं और पीरियड्स की कोई तय तारीख न हो तो मालासन योगाभ्यास इस समस्या से निजात दिला सकता है। मालासन करने के लिए फर्श पर बैठ जाएं। अब एड़ियों को जमीन से उठाते हुए सांस छोड़ें। फिर धड़ को जांघों के बीच फिट करते हुए शरीर को आगे की ओर झुकाएं। दोनों हाथों को मोड़ते हुए कोहनी को जांघों पर रखें। अब बाहों को घुमाएं और एड़ी को थोड़ा ऊपर उठाएं। अब स्क्वाट की स्थिति में वापस आ जाएं।
2. उष्ट्रासन
पीरियड्स की समस्या से निजात पाने के लिए उष्ट्रासन का अभ्यास कर सकते हैं। इसके लिए फर्श पर घुटनों के बल बैठकर कूल्हों पर हाथ रखें। गहरी सांस लेते हुए हाथों से अपने पैरों को पकड़ें। अब पीठ को मोड़ें। इस मुद्रा को एक मिनट रहे, फिर धीरे-धीरे अपनी पीठ को सीधी स्थिति में ले आएं। अब पैरों और हाथों को आराम दें।
3. धनुरासन
इस आसन को करने के लिए जमीन पर पेट के बल लेट कर पैरों को थोड़ा फैला लें। पैरों को उठाते हुए हाथों से टखनों को पकड़ें। गहरी सांस लेते हुए छाती और पैरों को सतह से ऊपर उठाएं। इस अवस्था में कुछ समय तक रहें फिर धीरे धीरे शरीर और पैरों को फर्श पर लाएं। कुछ देर आराम करें, फिर यहीं प्रक्रिया अपनाएं।
4. मत्स्यासन
पीरियड्स संबंधी समस्याओं से राहत चाहती हैं तो मत्स्यासन का अभ्यास करें। इस योग को करने के लिए जमीन पर पीठ के बल लेटकर हाथों को अपने कूल्हों के नीचे रखें। अब कोहनी को कमर से स्पर्श करते हुए, दोनों पैरों को मोड़ें और घुटनों को क्रॉस-लेग मुद्रा में लाएं। अब जांघों को फर्श से मिलाते समय श्वास लें। फिर अपने ऊपरी शरीर को ऊपर उठाएं, फिर सिर के पीछे, कुछ मिनट के लिए आसन को होल्ड करें, फिर धड़ को छोड़ें और आराम करें।
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पीरियड्स रुक रुक के आने का कारण (Causes of Light Periods in Hindi)
जब कोई महिला गर्भवती होती है तो योनि से हल्का खून निकलता है लेकिन रक्तस्राव खुलकर नहीं होता है। इसे प्रत्यारोपण रक्तस्राव (Implantation Bleeding) कहते हैं। ऐसे में अगर 1-2 महीने ऐसा हो तो आपको प्रैग्नेंसी टेस्ट करना चाहिए।
वजन बढ़ना या घटना
वजन के एकदम घटने या बढ़ने का असर भी मासिक धर्म पर पड़ता है। दरअसल, वजन कम होने या बढ़ने पर हार्मोन का बैलेंस बिगड़ जाता है, जिसके कारण पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग कम हो जाती है।
अधिक एक्सरसाइज करना
जो महिलाएं लगातार भारी एक्सरसाइज या वर्कआउट करती हैं, उन्हें भी पीरियड खुलकर नहीं आता है। इसके अलावा जो महिलाएं अधिक एनर्जी ड्रिंक पीती हैं, उन्हें भी पीरियड्स खुलकर ना आने की समस्या हो सकती है।
बढ़ती उम्र
बढ़ती उम्र के कारण भी पीरियड्स की अवधि और रक्तस्त्राव में कमी का कारण हो सकती हैं, जिसे प्री-मेनोपॉज भी कहा जाता है।
तनाव
अधिक तनाव देने पर मस्तिष्क मासिक धर्म चक्र हार्मोन को बदल देता है जिसके कारण पीरियड खुलकर नहीं आता है। इतना ही नहीं, लगातार स्ट्रेस में रहने से मेनोपॉज और पीरियड्स की अनियमितता भी हो सकती है। हालांकि जब तनाव कम हो जाता है तब पीरियड फिर से सामान्य हो जाता है।
बर्थ कंट्रोल पिल्स
बर्थ कंट्रोल पिल्स भी पीरियड्स के खुलकर ना आने का कारण बन सकता है। गर्भनिरोधक गोलियां शरीर में पर्याप्त अंडा नहीं बनने देती हैं, जिसके कारण लाइट पीरियड की समस्या हो सकती है।
पर्याप्त नींद ना लेना
8 से 9 घंटे की स्वस्थ नींद न लेने के कारण शरीर पर्याप्त मात्रा में कार्टिसोल का उत्पादन करता है। यह एक स्ट्रेस हार्मोन है, जो मासिक धर्म को प्रभावित करता है। यह कम ब्लीडिंग के साथ पीरियड्स अनियमित होने का कारण भी बनता है।
हेल्थ प्रॉब्लम्स
सर्वाइकल स्टेनोसिस (Cervical Sstenosis) या एशरमैन सिंड्रोम (Asherman’s Syndrome) जैसी हेल्श कंडीशनर के कारण भी पीरियड्स खुलकर नहीं आते। इसके अलावा थायरॉइड, पोलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम जैसी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों भी महावारी पर असर डालती हैं।
स्तनपान करवाने पर
बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद और स्तनपान करवाने के कारण भी महिलाओं को पीरियड्स खुलकर नहीं आते। स्तन में दूध का उत्पादन करने वाले हार्मोन, अंडोत्सर्ग (Ovulation) को रोकता है। इसके कारण पीरियड अनियमित हो जाता है और खुलकर नहीं आता है।
खून की कमी
जिन औरतों में खून की कमी या एनीमिया की शिकायत होती है, उन्हें भी पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग कम होती है। ऐसे में आपको अपनी डाइट में बदलाव करना चाहिए।
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पीरियड्स लाने के लिए कुछ और टिप्स – Other Tips to Get Periods Faster in Hindi
मासिक धर्म समय पर लाने के उपायों के अलावा कुछ और टिप्स भी हैं, जिससे मासिक धर्म में देरी की समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। यह टिप्स कुछ इस प्रकार हैं:
- स्वस्थ खाना खाए और व्यायाम करें।
- पर्याप्त नींद लें।
- कोई समस्या हो तो डॉक्टर से परामर्श करें।
- अपने मासिक चक्र को ट्रैक करते रहें।
- तनाव से दूर रहे।
- सही पौष्टिक आहार का सेवन करें।
- स्वस्थ वजन बनाए रखें
पीरियड्स बंद होने की सही उम्र क्या है?
एक रिसर्च के मुताबिक, मेनोपाॅज के लिए उम्र पहले से निर्धारित मानी गई है। लेकिन कई कारणों से मेनोपॉज की स्थिति उम्र से पहले आ सकती है। एक्सपर्ट के मुताबिक, मेनोपाॅज की शुरुआती आयु 45 से 50 साल मानी जाती है। इस उम्र की अधिकांश महिलाओं को मासिक धर्म आना बंद होने लगते हैं। हालांकि कुछ महिलाओं की ओवरी जल्दी ही काम करना बंद कर देती है। वहीं कुछ महिलाओं का मासिक धर्म 50 साल की उम्र के बाद भी जारी रहता है।
मासिक धर्म बंद होने के क्या लक्षण होते है? (Symptoms of stopped periods in Hindi)
1. अनियमित मासिक धर्म
जब आपके पीरियड्स अनियमित होने लगें तो इसका एक कारण मेनोपाॅज भी हो सकता है। वैसे तो स्वास्थ्य संबंधी समस्या या प्रेगनेंसी के दौरान भी मासिक धर्म अनियमित होते हैं लेकिन मेनोपाॅज का यह सबसे प्रमुख लक्षण है। पीरियड बंद होने से पहले मासिक धर्म में ब्लड का फ्लो कभी ज्यादा कभी कम हो सकता है।
2. वेजाइना ड्राईनेस
मासिक धर्म चक्र बंद होने से पहले योनि में सूखापन, खुजली हो सकती है। मेनोपॉज में महिला की त्वचा में कटने-फटने की समस्या होने पर इंफेक्शन फैलने का खतरा भी बढ़ सकता है।
3. अनिद्रा की शिकायत
मेनोपॉज की स्थिति में नींद आने में परेशानी होने लग सकती है। महिला में डिप्रेशन, चिंता या मूड स्विंग के लक्षण देखे जा सकते हैं। इसके अलावा भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है।
4. हाॅट फ्लैशेस
हॉट फ्लैशेस में शरीर के ऊपरी हिस्से में गर्मी ज्यादा लगती है। पीरियड बंद होने की स्थिति में चेहरे, गर्दन और सीने में ज्यादा गर्मी महसूस हो सकती है। अधिक पसीना आना और त्वचा पर लाल चकत्ते आ सकते हैं।
Disclaimer: इस आर्टिकल में दिए गए सुझाव और टिप्स सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी तरह के सवाल या परेशानी हो तो फौरन अपने डॉक्टर से सलाह करें।
FAQ
Q 1. पीरियड में देरी क्यों होता है ?
Ans: अगर अचानक से वजन बढ़ता है या घटता है, तो इस वजह से पीरियड में देरी हो सकती है। कई बार लेट पीरियड होने के कारण स्ट्रेस भी हो सकते हैं। तनाव के कारण शरीर में हॉरमोन्स का बैलेंस बिगड़ जाता है, जिससे महिलाओं में पीरियड लेट हो सकते हैं। ब्रेस्टफीडिंग के कारण भी पीरियड में देरी होती है।
Q 2. माहवारी लाने की दवा के क्या नुक्सान है?
Ans: ब्रैस्ट में भारीपन, सूजन या गांठ हो जाना, ल्यूकोरिया(श्वेत-प्रदर) की शिकायत हो सकती है, थकान होना, चिड़चिड़ाहट होना, शरीर में अनचाहे बालों की वृद्धि होना या चेहरे पर बाल आना, पिंपल्स (मुंहासे) या झाइयां होना, लिवर की समस्या होना, कब्ज या दस्त लगना, मुंह सूखना, सांस लेने में तकलीफ होती है, नींद डिस्टर्ब होना, चक्कर आना, हाथ-पैरों में सूजन आना
Q 3. समय पर पीरियड्स लाने के लिए क्या खाएं?
Ans: जिन चीजों की तासीर गर्म होती है उनका सेवन अधिक मात्रा में करें इससे आपको पीरियड्स को जल्दी लाने में मदद मिलती है। जैसे की ड्राई फ्रूट्स खाएं, छुहारे को दूध में उबालकर सेवन करें, केसर दूध, खजूर, आदि का सेवन करे।
Q 4. गर्भपात के बाद आप कितनी जल्दी गर्भवती हो सकती हैं?
Ans: गर्भपात होने के बाद, आपके मासिक धर्म से पहले, लगभग तुरंत ही फिर से गर्भवती होना संभव है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस प्रक्रिया के 1 से 2 सप्ताह के बीच एक अंडा (अंडाशय) से निकल सकता है।
Q 5. पीरियड अधिकतम कितने दिन लेट हो सकता है?
Ans: महिलाओं में मासिक चक्र नियमित होना चाहिए। सामान्यतः यह 28, 29 या 30 दिनों का होता है। पीरियड्स का थोड़ा बहुत आगे पीछे होना नॉर्मल है। कुछ स्वास्थ्य स्थितियों के चलते पीरियड साइकिल प्रभावित हो सकती है, जिसके बारे में लेख में ऊपर बताया गया है। पीरियड्स कितने दिन लेट हो सकता है, यह इसके कारण पर निर्भर करता है।