रूस में गृहयुद्ध के संकट को टाल दिया गया है, जहां राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे 24 घंटे में ही नियंत्रित कर दिया है. इस युद्ध के बीच उन्होंने अपने दोस्त बेलारूस के राष्ट्रपति का सहारा लिया है. अलेक्जेंडर लुकाशेंको की मध्यस्थता के बाद, वैगनर आर्मी चीफ येवगेनी प्रिगोझिन ने लड़ाकों को पीछे हटाने का फैसला किया है. इस प्रकरण में, व्लादिमीर पुतिन ने प्रिगोझिन के अहम निर्णय का समर्थन किया है.
प्रिगोझिन पूर्व में पुतिन के बहुत ‘वफादार’ माने जाते थे, लेकिन यूक्रेन से युद्ध के बीच वे अब पुतिन के सबसे बड़े शत्रुओं में से एक बन गए हैं. हालांकि, लुकाशेंको की मध्यस्थता के अंतर्गत, प्रिगोझिन अब बेलारूस में बसेंगे. कहा जाता है कि पुतिन ने अपने नए दुश्मनों पर काफी काबू पाया है. यह पहली बार नहीं है जब पुतिन को इस प्रकार की ताकत देखने को मिली है. पहले भी, वे कई बार अपने दुश्मनों को हराने में सफल रहे हैं. कई बार पुतिन पर उनके विरोधियों द्वारा हत्या का आरोप लगाया गया है या हत्या की कोशिश की गई है.
सबसे बड़े आलोचक एलेक्सी नवेलनी को जेल में डाला
रूस में पुतिन के सबसे बड़े दुश्मन के रूप में एलेक्सी नवालनी (Alexei Navalny) को माना जाता है. उन पर पुतिन ने फ्लाइट में जहर देने का भी आरोप लगाया है. एलेक्सी नवालनी एक प्रमुख विपक्षी नेता और वकील हैं जो रूस में भ्रष्टाचार के खिलाफ कई अभियान चलाते रहे हैं. 2011 में, उन्होंने पहली बार पुतिन की पार्टी के भ्रष्टाचार पर उठापटक की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि पुतिन की पार्टी ने संसदीय चुनाव में धांधली की थी. उसके बाद उन्हें 15 दिनों के लिए जेल में बंद कर दिया गया था. इसके बाद, उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा है. साल 2013 में भी, उन्हें जेल में रखा गया था, जब उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. हालांकि, नवालनी ने कहा है कि सरकार उन्हें जाल में फंसा रही है।
जनवरी 2021 में, वे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पुतिन के खिलाफ प्रदर्शन करने के बाद पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गए थे. इस विरोध-प्रदर्शन में लाखों लोगों ने हिस्सा लिया था. तब रूस की पुलिस ने करीब 3 हजार प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया था. एलेक्सी नवेलनी को उनकी पत्नी यूलिया के साथ गिरफ्तार किया गया था.
फ्लाइट में बेहोश मिले, पुतिन पर जहर देने का आरोप लगा
अगस्त 2020 में, उन्हें बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यात्रा के दौरान उन्हें एक फ्लाइट में अचानक बेहोश हो गए थे. उन्हें साइबेरिया के ओमस्क में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद नवेलनी जर्मनी चले गए थे. हालांकि, उनके वापस मास्को पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. उन्होंने पुतिन पर उन्हें जहर देने का आरोप लगाया था. इसके बावजूद, रूस की सरकार ने इन आरोपों को इंकार किया था.
नवेलनी पर इससे पहले भी कई हमले हुए हैं. साल 2017 में भी उन पर जानलेवा हमला हुआ था, जिसके कारण उनकी आंख में गंभीर चोटें आईं. साल 2018 में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में खड़ा होने की कोशिश की, लेकिन धोखाधड़ी के आरोपों के कारण उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया. नवेलनी ने इसे सरकार की साजिश बताया था. जुलाई 2019 में उन्हें 30 दिनों की जेल सजा सुनाई गई थी, क्योंकि उन्होंने एक बड़ा प्रदर्शन का ऐलान किया था. उस समय जेल में उनकी स्वास्थ्य समस्याओं के चलते परेशानी हुई थी और कहा गया था कि जेल में उन्हें जहर देने की कोशिश की गई थी.
पुतिन के सबसे बड़े आलोचक के रूप में जाने जाने वाले नवेलनी ने यूक्रेन के खिलाफ जंग शुरू करने पर पुतिन की आलोचना की थी. उन्होंने इस युद्ध का विरोध करते हुए लोगों से सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने को कहा था. इसके बाद रूस के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन भी हुए थे.
फरवरी 2021 में, उनकी सजा को ढाई साल से अधिक की हिरासत में बदल दिया गया. उसके बाद उनके संगठनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया. मार्च 2022 में, नवेलनी को गबन और अदालत की अवमानना का दोषी पाया गया और उन्हें 9 साल की सजा सुनाई गई. इसके बाद से वे जेल में बंद हैं.
पुतिन के इन दुश्मनों का एक-एक कर होता गया खात्मा!
इससे पहले 2015 में पुतिन विरोधी नेता बोरिस नेम्त्सोव की हत्या कर दी गई थी. उन्हें क्रेमलिन के बाहर ही गोली मारी गई थी. इस घटना को लेकर पुतिन पर आरोप लगते हैं कि ये हत्याकांड उनके कहने पर हुआ था.
2018 में इंग्लैंड में रूस के पूर्व जासूस सर्गेइ स्क्रीपल (66) और बेटी यूलिया(33) को जहर दिया गया था. सर्गेई स्क्रिपल रूसी मिलिट्री के रिटायर्ड अफसर थे, तब 2006 में उनको जासूसी करने के लिए जेल भेजा गया. सर्गेई स्क्रिपल को ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी एमआई-16 को रूस के यूरोप में मौजूद खुफिया एजेंट्स की जानकारी मुहैया कराने का दोषी माना गया था. रूस ने दावा किया था कि एमआई-16 ने सर्गेई स्क्रिपल को इस जासूसी के बदले एक लाख डॉलर रुपये चुकाए थे. ये जानकारी सर्गेई साल 1990 से एमआई-16 को पहुंचा रहे थे.
इसी साल अप्रैल में रूस के जाने-माने मिलिट्री ब्लॉगर व्लादलेन तातारस्की की सेंट पीटर्सबर्ग के एक कैफे में में हुए बम धमाके में मौत हो गई थी. तातारस्की का असली नाम मैक्सिम फोमिन था. टेलिग्राम पर उनके 560,000 फॉलोअर्स थे. वह प्रमुख प्रभावशाली सैन्य मामलों के ब्लॉगर्स में से एक थे. उन्होंने जिन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कई बार आलोचनात्मक टिप्पणियां सामने रखी थीं.
बीते 23 मार्च को खबर आई थी कि पुतिन के आलोचक पॉप स्टार दिमित्री स्विरगुनोव की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई. 34 वर्षीय दिमित्री अक्सर अपने गानों में राष्ट्रपति पुतिन की आलोचना करते थे. उन्होंने अपने गीत में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कथित 1.3 अरब डॉलर के आलीशान बंगले की भी आलोचना की थी. दिमित्री की मौत बर्फीले पानी में डूबने से हुई थी.
इससे पहले 3 जनवरी 2023 को पारादीप पोर्ट पर चीफ इंजीनियर मिलायकोव सर्गे का शव मिला था. मिलायकोव एमबी अल्दना जहाज़ के चीफ इंजीनियर थे. ये जहाज़ बांग्लादेश के चिटगांव पोर्ट से प्रदीप पोर्ट के रास्ते मुंबई जा रहा था. शिप पर भारतीय और रूसी समेत कुल 23 क्रू मेंबर सवार थे.
मिलायकोव की लाश मिलने की ठीक 10 दिन पहले दिसंबर 2022 में रूसी सांसद पॉवेल एंटोव का शव ओडिशा में मिला था. पॉवेल एंटोव कुछ साथियों के साथ छुट्टी मनाने भारत आए थे. वह ओडिशा के रायगढ़ होटल में वो अपना 65वां जन्मदिन मना रहे थे. पावेल संदिग्ध परिस्थिति में होटल के तीसरे फ़्लोर से गिर गए और उनकी मौत हो गई. दो दिन पहले इसी होटल में एंटोव की पार्टी के ही एक और सदस्य व्लादिमीर बुडानोव की संदिग्ध रूप से मौत हुई थी. पावेल रूसी सांसद थे और उन्होंने यूक्रेन में रूस के ‘विशेष सैन्य अभियान’ की आलोचना की थी.
व्लादिमीर बुडानोव 22 दिसंबर 2022 को अपने कमरे में बेहोश पाए गए और अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. 61 साल के बुडानोव पावेल के साथ ही भारत आए थे. अपनी मौत से पहले वो लगातार शराब पी रहे थे और उनकी मौत के वक्त भी उनके कमरे से पुलिस को शराब की कई खाली बोतलें मिलीं, शुरुआती तौर पर ये मान लिया गया कि बेदेनोव की मौत शायद ज्यादा शराब पीने की वजह से हुई.