Constitution Day 2023: देश में 26 नवंबर को संविधान दिवस (Constitution Day 2022) मनाया जाता है। यह विशिष्ट दिन 1949 के ऐतिहासिक दिन को दर्शाता है, जब संविधान सभा ने भारतीय संविधान को अपनाया था। भारतीय संविधान कई मायनों में अन्य देशों से अलग है, लेकिन यह दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है, इसलिए इसे अन्य देशों से अलग बनाता है। हमारे संविधान को बनाने में दो वर्ष से अधिक समय लग गया था। इस आर्टिकल के माध्यम से हम संविधान दिवस पर इसके इतिहास और इससे जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
क्यों मनाया जाता है Constitution Day
भारत जब एक स्वतंत्र देश बना तो उसके बाद संविधान निर्माण कार्य शुरू किया गया। संविधान बनाने का कार्य 1946 में स्थापित संविधान सभा को दिया गया था जिसे डॉ बीआर अंबेडकर की अध्यक्षता वाली एक समिति को संविधान का ड्राफ्ट तैयार करने का काम सौंपा गया था। आपको जानकारी दे दें कि 1946 में स्थापित संविधान सभा के अध्यक्ष भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद थे।
1948 की शुरुआत में, डा. अम्बेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा बनाकर संविधान सभा को प्रस्तुत किया। उसके बाद, भारतीय संविधान के ड्राफ्ट में कुछ बदलाव किए गए और इसे देश भर में लागू किया गया। 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ था, और इस दिन देश भर में हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है।
1,17,360 शब्दों के साथ भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। भारतीय संविधान में लचीलेपन और कड़कता का बैलेंस है। उदाहरण के लिए अगर संविधान में नागरिकों के हित के लिए अगर कोई बदलाव जरूरी है तो उसे आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
संविधान दिवस का महत्व
भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए संविधान दिवस को मनाने का फैसला लिया गया था। भारत का संविधान कई सिद्धांतों को समेटे है, जिनके आधार पर देश की सरकार और नागरिकों के लिए मौलिक, राजनीतिक सिद्धांत, प्रक्रियाएं, अधिकार, दिशा-निर्देश, कानून वगैरह तय किए गए हैं।
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