Vitamin B12 Rich Foods in Hindi: शरीर को स्वस्थ रखने और उसके बेहतर कामकाज के लिए आयरन, कैल्शियम और प्रोटीन की तरह विटामिन बी12 की भी सख्त जरूरत होती है। इसकी कमी के बिना शरीर कमजोर और बीमार हो सकता है। भारत में पुरुषों और महिलाओं दोनों में विटामिन बी12 (Vitamin B12 Foods In Hindi) की कमी एक साइलेंट महामारी के रूप में उभर रही है। इसका सबसे बड़ा कारण खाने-पीने और रहन-सहन से जुड़ी खराब आदतें हैं।
विटामिन बी12 क्या है?
विटामिन बी12 को कोबालामिन भी कहा जाता है। यह रेड ब्लड सेल्स बनाने, डीएनए बनाने और न्यूरोलॉजिकल हेल्थ के लिए जरूरी है। इसकी कमी से कई प्रकार के लक्षण और स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं हो सकती हैं, जिनमें हल्की थकान और कमजोरी से लेकर गंभीर तंत्रिका संबंधी विकार और एनीमिया तक शामिल हैं।
शरीर में विटामिन बी12 की कमी के कारण
- सिर्फ प्लांट बेस्ड फूड्स का सेवन करना
- मांस-मछली और अंडे जैसी फूड्स का सेवन नहीं करना
- उम्र बढ़ने के साथ शरीर का विटामिन बी12 को सही तरह अवशोषित नहीं कर पाना
- पेट और पाचन से जुड़े कई प्रकार के विकार
- एसिड रिफ्लक्स के लिए लंबे समय तक दवाओं का इस्तेमाल
विटामिन बी12 की कमी के संकेत और लक्षण
विटामिन बी12 की कमी से शरीर में कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जैसे थकान, कमजोरी, सुन्नता, झुनझुनी संवेदनाएं और संज्ञानात्मकसमस्याएं शमिल है। गलती से वे अन्य विकारों के लक्षण मानते हैं, जिससे निदान और उपचार में देरी होती है।
खाने में विटामिन बी12 से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें – Vitamin B12 Rich Foods in Hindi
डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट शिखा अग्रवाल शर्मा ने कहा कि खानेमें विटामिन बी12 से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करने से आपका इसकी कमी से बचाने में मदद कर सकता है। इसके लिए चिकन, मटन, मछली, अंडे, बीन्स, दाल, डेयरी उत्पाद, साबुत अनाज, फल और सब्जियां अपने आहार में शामिल करें।
सप्लीमेंट्स
यदि आपको खाने-पीने से विटामिन बी12 की कमी हो रही है, तो आप डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट्स ले सकते हैं। सामान्यतः, सप्लीमेंट्स की सलाह उन लोगों को दी जाती है जो पेट या आंतों से जुड़े विकारों का सामना कर रहे होते हैं।
रूटीन स्क्रीनिंग और टेस्ट भी हैं जरूरी
यदि आपको लगता है कि आप विटामिन बी 12 की कमी के जोखिम वाले लोगों में शामिल हैं, तो आपको नियमित रूप से स्क्रीनिंग और टेस्ट पर विचार करना चाहिए। विशेष रूप से बुजुर्ग, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकार वाले लोगों आदि को इसकी जांच करानी चाहिए।
सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियान हैं जरूरी
सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों के माध्यम से विटामिन बी12 की कमी के लक्षणों, जोखिम कारकों और परिणामों के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर विशेष महत्व दिया जाना चाहिए। इससे इसकी पहचान और इसकी जटिलताओं को रोकने में सहायता मिल सकती है।
चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण
प्रभावित व्यक्तियों के लिए समय पर निदान और उचित उपचार की सुविधा के लिए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को बी12 की कमी को पहचानने और प्रबंधित करने पर निरंतर शिक्षा की आवश्यकता है।
Conclusion
इस लेख को सामान्य जानकारी के लिए ही दिया गया है। इसमें किसी भी दवा या इलाज के विकल्प की कोई सूचना नहीं है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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