Emerging Technologies of 2023

Emerging Technologies of 2023: टेक्नोलॉजी हर बीतते दिन के साथ कुछ नया और अपडेटड लाती है। इंसान के जीवन को बहुत आसान बनाती है। बीते कुछ सालों में हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और 5जी जैसी तमाम टेक्नोलॉजी को उभरते देखा है। हर साल की तरह 2023 में भी टेक्नोलॉजी का क्षेत्र काफी खास रहने वाला है। टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस साल कुछ खास टेक्नोलॉजीस (Emerging Technologies of 2023) काफी ट्रेंड में रह सकती हैं।

Emerging Technologies of 2023

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) की इस लिस्ट में लचीली बैटरी (Flexible Battery) को शामिल किया गया है। इन बैटरीज को हलके मैटेरियल से बनाया गया है। लचीली बैटरी को आसानी से मोड़ा और खींचा जा सकता है। जल्द ही कठोर बैटरियों जिसे अभी प्रयेग किया जा रहा है उसकी जगह ले सकती हैं। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का कहना है कि एक रिपोर्ट के मुताबिक लचीली बैटरी का मार्केट साल 2022-27 तक 240.47 मिलियन डॉलर तक बढ़ जाएगा। सैमसंग, एलजी, एप्पल, नोकिया जैसी कई बड़ी कंपनियां लचीली बैटरी टेक्नोलॉजी का कारोबार कर रही हैं। इस नई पीढ़ी की बैटरी के लिए विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग किया जा सकता है जिसमें मेडिकल वियरेबल्स, बायोमेडिकल सेंसर, लचीले डिस्प्ले और स्मार्टवॉच शामिल हैं।

2. जनरेटिव ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Generative artificial intelligence)

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चैटजीपीटी का नाम इन दिनों बच्चे-बच्चे के जुबान पर है। 2022 के अंत में ChatGPT की रिलीज़ के साथ, यह सार्वजनिक सुर्खियों में आ गया था। AI के जरिए शिक्षा, अनुसंधान, दवाओं की डिजाइनिंग के साथ आर्किटेक्चर और इंजीनिरिंग में मदद कर सकता है। नासा भी स्पेस में इसके इस्तेमाल करने पर काम कर रहा है। हालांकि अभी तक इस टेक्नोलॉजी पर पूरा भरोसा कायम नहीं हुआ है। इसके लिए इस टेक्नोलॉजी पर और काम करने की जरूरत है।

3. सतत विमानन ईंधन (Sustainable Aviation fuel)

सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल को बायो जेट फ्यूल भी कहा जाता है, जो खाना पकाने के तेल और उच्च तेल वाले पौधे के बीजों से बनाया जाता है। इसका इस्तेमाल कार, बाइक और सड़कों पर चलने वाले वाहनों में आसानी से किया जा रहा है। हालांकि एविएशन क्षेत्र में इसके इस्तेमाल की लागत बहुत ज्यादा है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का कहना है कि अभी सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल सिर्फ डिमांड का एक फीसदी ही पूरा कर रहा है।

4. डिजाइनर फेज (Designer phages)

डिजाइनर फेज ऐसे वायरस होते हैं जो विशिष्ट प्रकार के बैक्टीरिया को चुनिंदा रूप से संक्रमित करते हैं। वायरस को इंसानों को फायदा पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ये वायरस विशेष प्रकार की बैक्टीरिया पर असर डालते हैं। ये वायरस अपने जेनेटिक इंफॉर्मेशन को बैक्टीरिया में इंजेक्ट करते हैं, जो बैक्टीरिया के फंक्शन को बदल सकते हैं। इसे किसी दवा के प्रति संवेदनशील बनाया जा सकता है। इन “डिज़ाइनर” फ़ेज़ का उपयोग अंततः माइक्रोबायोम से जुड़ी बीमारियों के इलाज या खाद्य आपूर्ति श्रृंखलाओं में खतरनाक बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा भी इसका और भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

5. मानसिक स्वास्थ्य के लिए मेटावर्स (Metaverse for mental health)

मेटावर्स फॉर मेंटल हेल्थ आधुनिक समय में सभी की जरूरत है। भागदौड़ भरी ज़िंदगी में सभी इंसान कहीं न कहीं अवसाद का शिकार बना हुआ है। कोरोना ने मेंटल हेल्थ की समस्या को इतना बढ़ा दिया है कि दुनिया में हेल्थ की सुविधाओं की कमी होती जा रही है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का कहना है कि मेंटल हेल्थ ट्रीटमेंट के लिए उपयुक्त परिस्थितियां मेटावर्स उपलब्ध करा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मैच्यूरिंग इंटरफेस टेक्नोलॉजीज डिस्टेंस पार्टिसिपेंट के बीच सामाजिक और भावानात्मक संबंधों को बढ़ा सकती है। कई लोग इसपर गेमिफिकेशन ऐर दूसरे तरीकों से काम कर रहे हैं, जो मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्या को कम कर सकते हैं।

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By Biharkhabre Team

मेरा नाम शाईना है। मैं बिहार के भागलपुर कि रहने बाली हूं। मैंने भागलपुर से MBA की पढ़ाई कंप्लीट की हूं। मैं Reliance में कुछ समय काम करने के बाद मैंने अपना खुद का एक ब्लॉग बनाया। जिसका नाम बिहार खबरें हैं, और इस पर मैंने देश-दुनिया से जुड़े अलग-अलग विषय में लिखना शुरू किया। मैं प्रतिदिन देश दुनिया से जुड़े अलग-अलग जानकारी अपने Blog पर Publish करती हूं। मुझे देश दुनिया के बारे में नई नई जानकारी लिखना पसंद है।

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