Ayodhya Ram Mandir Bell: करीब 500 साल के बाद देश में एक अलग प्रकार की खुशी देखने को मिल रही है। यह खुशी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के संबंध में है। अब 22 जनवरी को रामलला कुटिया से बाहर आकर भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। इस परिस्थिति में हर देशवासी और राम भक्त यह जानने के लिए बहुत उत्सुक हैं कि इतने सालों बाद बन रहा श्री राम मंदिर कितनी भव्यता के साथ तैयार हो रहा है? चलिए, आज हम आपके मन में उठ रहे छोटे-छोटे सवालों के जवाब जानते हैं।
मंदिर के अंदर बजने वाली घंटी की चर्चा सभी जगह हो रही है। इसकी विशेषता यह है कि इसकी गूंजे पूरे शहर में सुनाई देगी। यह घंटा का वजन 2100 किलोग्राम का है, जो अष्टधातु से बना है। 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर की नींव रखी गई। यहां राम मंदिर तीन मंजिलों का होगा और इसकी ऊंचाई 162 फीट होगी। इस भव्य राम मंदिर में कुल 36 दरवाजे होंगे, जिनमें से 18 दरवाजे गर्भगृह के होंगे।
राम मंदिर के दरवाजे हैदराबाद के कारीगरों द्वारा सागौन की लकड़ी से बनाए जा रहे हैं। इस भव्य मंदिर में कुल 392 खंभे होंगे, जिनमें से 160 स्तंभ गर्भगृह में स्थापित होंगे और 132 स्तंभ ऊपरी मंजिल में होंगे। बहुत से लोगों के मन में यह सवाल भी उठता है कि सरयू नदी का पानी कहां जाता है? हिमालय से निकलने के बाद सरयू नदी उत्तर भारत के गंगा मैदान में बहती है और छपरा और बलिया के बीच गंगा नदी में मिल जाती है।
मंदिर में लगे हैं राम नाम के पत्थर | Stones of Ram Mandir
राम मंदिर निर्माण के के हर चीज की अपनी खासियत है। अगर बात करें यहां भगवान राम के सिंहासन की तो यह राजस्थान के कारीगरों द्वारा बनाया गया है। साथ ही, इसके मुख्य ध्वजा स्तंभ को गुजरात में बनाया गया है। मंदिर के निर्माण में लगे हर पत्थर पर राम नाम लिखा गया है। श्री राम की मूर्ति बनाने के लिए 2023 की शुरूआत में नेपाल से विशेष सालिग्राम के पत्थर लाए गए थे।
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