नालंदा: जिले में पहली बार किसी जज ने रेयरेस्ट इन रेयर केस मानते हुए किसी किशोर को हत्या मामले में उम्र कैद (Life Imprisonment) की सजा सुनाई है। दरअसल, किशोर की मानसिकता इतनी आपराधिक थी कि उसने अपने ही दोस्त को 50 लाख रुपये फिरौती की खातिर अपहरण करके मार डाला था।
16 वर्षीय किशोर को हत्या मामले में उम्र कैद
जिला न्यायालय के प्रथम एडीजे सह जघन्य बाल अपराध स्पेशल न्यायाधीश कन्हैया जी चौधरी ने दो दिन पहले 16 वर्षीय किशोर को हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा सहित दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।साक्ष्य छुपाने व षड्यंत्र रचने के लिए क्रमश: तीन एवं दो साल कारावास सहित पांच हजार रुपए जुर्माना भी किया है। जुर्माना नहीं देने पर दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
जज ने ऋतुराज के मां- पिता को मुआवजे का दिया आदेश
जज ने मृतक किशोर ऋतुराज के मां- पिता की भी फिक्र की है। उनकी परेशानी तथा आर्थिक क्षति को देखते हुए डीएलएसए को प्रति व्यक्ति पीड़ित प्राधिकार के तहत निर्धारित राहत मुआवजे का भुगतान का आदेश दिया है। मामले में पूर्व डीपीओ दिलीप कुमार ने अभियोजन पक्ष से बहस की थी और कुल 13 साक्षियों का परीक्षण किया था। मृतक के पिता एकंररसराय निवासी निरंजन प्रसाद के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
घटना के एक मई 2016 की थी। इस घटना में दोषी किशोर के अलावा दो अन्य युवक शामिल थे। उनमें एक कोचिंग क्लास संचालक भी है। उसी ने किशोर के अपहरण के लिए अपनी बाइक दी थी। जिसे सजा दी गई है वह ऋतुराज को क्रिकेट खेलने के बहाने घर से ले गया था।
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इसके बाद उसे अगवा कर लिया। बिहारशरीफ से उसे जहानाबाद के हुलासगंज थाना क्षेत्र ले जाया गया। वहां पीर बिगहा पंचायत भवन में रखकर उसके पिता से 50 लाख रुपये फिरौती की मांग की थी। फिरौती की रकम नहीं मिलने तथा भेद खुलने के डर से उसने सिर ईंट से कूचकर दोस्त को मार दिया था। पुलिस ने पांच दिनों बाद शव बरामद किया था।