RBI के नए नियम: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों का पालन न करने परे देश भर के बैंकों ने लाखों करेंट अकाउंट्स को बंद कर दिया है। यह अकाउंट छोटे व्यापारियों के हैं, जिन्होंने रिजर्व बैंक के नियमों का पालन नहीं किया है। बैंकों ने ईमेल भेज कर ग्राहकों को इसकी जानकारी दी है। अगर आपका भी देश के सरकारी बैंक SBI (State Bank of India) समेत कई प्राइवेट और सरकारी बैंकों (Governmnet Bank) में खाता है तो आपके लिए यह जरूरी खबर है।
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि बैंकों ने को ईमेल और मैसेज के जरिए ग्राहकों को इसकी जानकारी दी है। आरबीआई के निर्देशों के मुताबिक हम आपको सलाह देते हैं कि आप हमारी ब्रांच में अपना कैश क्रेडिट/ओवरड्राफ्ट अकाउंट बनाए रख सकते हैं लेकिन आपका करेंट अकाउंट बंद करना होगा। कैश क्रेडिट/ओवरड्राफ्ट अकाउंट की सुविधा लेते समय इसे मेनटेन नहीं किया जा सकता है। आपसे अनुरोध है कि 30 दिन के भीतर अपना करेंट अकाउंट बंद करने की व्यवस्था करें।
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RBI के नए नियम, SBI ने 60 हजार से ज्यादा खाते बंद किए
पत्र में RBI के नियमों का हवाला देते हुए बैंक ने कहा कि उसे ऐसा अकाउंट खोलने की इजाजत नहीं है, जिसमें खाताधारक ने पहले ही लोन ले रखा हो। SBI अकेला ऐसा बैंक ने जिसने 60 हजार से ज्यादा करेंट अकाउंट्स को बंद कर दिया है। इसने इन खाताधारकों को कई बार इस संबंध में पत्र भेजा था।
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इस नियम का मकसद कैश फ्लो पर नजर रखना और फंड्स की हेराफेरी पर लगाम कसना है। आरबीआई ने पाया कि मौजूदा गाइडलाइंस और जुर्माने के प्रावधानों के बावजूद लोन लेने वाले कई बैंकों में चालू खाते खुलवाकर फंड्स की हेराफेरी कर रहे थे। नए नियम का मकसद तो साफ है लेकिन कस्टमर्स को काफी असुविधा हुई है। एक सरकारी बैंक के सीनियर अधिकारी ने ईटी को बताया कि हजारों अकाउंट्स बंद करने के लिए मजबूर किया गया है। अगर सभी बैंकों को बात की जाए तो यह संख्या लाखों में हो सकती है। यह एक चुनौतीपूर्ण काम है।
पिछले साल रिजर्व बैंक ने करेंट अकाउंट खोलने के लिए नया नियम लागू किया था
पिछले साल अगस्त में रिजर्व बैंक ने करेंट अकाउंट को खोलने के संबंध में नया नियम लागू किया था। इस नियम के मुताबिक, करेंट अकाउंट किसी भी खाताधारक का उसी बैंक में हो सकता है, जिसमें उसकी कुल उधारी का कम से कम 10% लोन हो। बैंक ने ग्राहकों को इस नियम को पूरा करने के लिए 31 जुलाई तक का समय दिया था।
इस नियम के पीछे जो मकसद है वह यह कि ग्राहक करेंट अकाउंट में अनुशासन रखे और उसके पैसों पर नजर रखी जा सके। साथ ही उसके कैश फ्लो का भी इससे पता चलेगा। रिजर्व बैंक की नजर में यह आया था कि काफी सारे करेंट अकाउंट्स से पैसों को इधर- उधर किया जाता है और इसके लिए ढेर सारे करेंट अकाउंट अलग-अलग बैंकों में खोले जाते हैं।
RBI का मानना है कि इससे क्रेडिट अनुशासन बना रहेगा
रिजर्व बैंक का मानना है कि इससे क्रेडिट अनुशासन बना रहेगा। एक बैंक के अधिकारी ने कहा कि इस नए नियम के आने से हमें हजारों खातों को बंद करना पड़ा है। यह सभी खाते खासकर छोटे व्यापारियों के हैं। पूरी बैंकिंग इंडस्ट्री में इस तरह के बंद खातों की संख्या लाखों में हो सकती है। ऐसे में इस तरह के खाताधारकों के सामने एक चुनौती भी है।
खाताधारकों ने सोशल मीडिया पर दिक्कतों को साझा किया
बैंकों के इस कदम के बाद काफी सारे खाताधारकों ने सोशल मीडिया पर भी अपनी दिक्कतों को साझा किया है। एक ग्राहक ने निजी सेक्टर के एक बैंक के इस कदम पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से सोशल मीडिया पर अपील की है। इस खाताधारक ने कहा है, “मैडम, हम आपकी मदद चाहते हैं। मेरा MSME (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम) अकाउंट बैंक ने बंद कर दिया है। इसके लिए बैंक ने हमें कोई सूचना नहीं दी है।” इस खाताधारक ने कहा है कि उसके कुल 4 करेंट अकाउंट हैं, जिसमें से 3 खाते बंद कर दिया गए हैं।
RBI के नए नियम, HDFC बैंक में खाता बंद हुआ
इसी तरह एक दूसरे बैंक खाता धारक ने सोशल मीडिया पर कहा है कि उसे HDFC बैंक के अकाउंट को चलाने में दिक्कत आ रही है। उसका OD अकाउंट बैंक ऑफ महाराष्ट्र में है। इस तरह से कई सारे ग्राहकों ने सोशल मीडिया पर बैंकों की इस कार्रवाई को बताया है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि जिनके पास OD की सुविधा है, उनका केवल एक ही करेंट अकाउंट होगा।
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बैंकर्स ने कहा, ग्राहकों को पूरा समय दिया गया
बैंकर्स का कहना है कि जो भी ग्राहक ये बात कह रहे हैं, उनको इसके लिए पूरा समय दिया गया था। रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक उन्हें समय दिया गया और साथ ही उनको नियम भी बताया गया है। उन्हें कई बार इस संबंध में पत्र भी भेजा गया है। पर काफी सारे ग्राहकों ने इस पर ध्यान नहीं दिया और वे अंतिम समय तक इंतजार करते रहे।