पटना.: रोजगार का हब होगा बिहार राज्य में औद्योगिक विकास के लिए नीतीश सरकार (Nitish Government) ने जो नीतियां तय की हैं उसका असर अब दिखने लगा है। राज्य के अंदर फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योगों के लिए लगातार निवेशक (Investor) अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। माना जा रहा है कि फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री बिहार (Food Processing Industry in Bihar) में जल्द ही बड़ा आकार ले सकता है। पिछले कुछ दिनों में सरकार के पास इस संबंध में जो आवेदन आए हैं उद्योग विभाग उन पर तेजी से फैसले ले रहा है।
फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए अभी तक 275 से अधिक लोगों ने आवेदन दिया है। इनमें ज्यादातर आवेदन इथेनॉल से संबंधित है. लेकिन कई ऐसे भी आवेदन आए हैं जो इथेनॉल से अलग अन्य खाद्य पदार्थों से जुड़े उद्योग लगाना चाहते हैं जिनमें मक्का, लीची, मखाना, आम जेली और फ्रूट जूस जैसे उद्योग हैं। यदि इन सबको बिहार में सरकार उद्योग लगाने की इजाजत देती है तो लागभग 32,273 करोड़ रुपये की निवेश की संभावना होगी।
रोजगार का हब होगा बिहार, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा
बिहार सरकार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन का कहना है कि राज्य में उद्योगों की बहुत संभावना है। नीतीश कुमार की सरकार वर्ष 2025 तक चलेगी इसलिए निवेशक भी काफी उत्साहित हैं। एक साथ कई निवेशकों ने अपना प्रस्ताव बिहार सरकार को दिया है। देश भर के कई बड़े फूड पार्क का हमने जायजा लिया है. बिहार में एक माहौल बना है। अब लोगों को लग रहा है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक औद्योगिक क्रांति होगी।
वहीं, बिहार में फूड प्रोसेसिंग यूनिट पर बरसों से काम कर रहे सत्यजीत सिंह का कहना है कि सरकार यदि वाकई में यह चाहती है कि राज्य में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगे तो इसके लिए उसे विशेष पहल करनी होगी। बिहार सरकार को विशेष फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी बनानी होगी। दूसरी एक समस्या यह है कि जो भी पॉलिसी के अंदर इन्वेस्टर को लाभ देने की बात होती है वो लाभ इन्वेस्टर को नहीं मिलती है जिसके कारण इन्वेस्टर किसी तरह का बड़ा निवेश करने से डरते हैं।
बहरहाल बिहार में उद्योग लगाने को लेकर सरकार के दावे कई हैं, लेकिन हकीकत है कि राज्य में अभी तक कोई बड़ा निवेशक उद्योग लगाने को तैयार नहीं हुआ है। इसलिए सरकार की कोशिश है कि पहले छोटे-छोटे निवेशकों को ही बिहार में लाया जाए।