बिहार: सरकार ने रिटायर सैनिक को लेकर किया बड़ा फैसला राज्य में पहले ही रिटायर सैनिकों को सैप के जवान के रुप में रोजगार के अवसर सरकार उपलब्ध करा रही है, लेकिन अब निजी कंपनियों में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी में भी उन्हें विशेष अवसर दिए जाएगें। बिहार सरकार ने इस संदर्भ में निजी सिक्योरिटी एजेंसी (Private Security Agency) वालों के लिए विशेष दिशा निर्देश भी जारी कर दिया है।
दरअसल, बिहार में इन दिनों निजी सिक्योरिटी एजेंसी चलाने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है, जहां बड़े पैमाने पर रोजगार के असवर भी उपलब्ध हो रहे हैं, लेकिन निजी सिक्योरिटी एजेंसी (Private Security Agency) की गुणवत्ता को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। आमतौर पर निजी एजेंसियां सेक्योरिटी गार्ड के प्रोपर ट्रेनिंग को लेकर लापरवाह नजर आती हैं। कई जगहों ये सूचना भी आती रहती है कि सेक्योरिटी गार्ड के रहते हुए भी अपराधियों ने अपराध की घटना को आसानी से अंजाम दे दिया। ऐसे में सरकार की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है।
बिहार सरकार ने रिटायर सैनिक को लेकर किया बड़ा फैसला
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इस बाबत निर्देश जारी किया है। उन्होंने सैनिक कल्याण निदेशालय को शीघ्र ही केंद्रीय पोर्टल भी बनाने को कहा है, ताकि सुरक्षा एजेंसियों को उनके यहां रोजगार के लिए इच्छुक सैनिकों से संपर्क करने में आसानी हो। पिछले दिनों निजी सुरक्षा एजेंसियों के साथ हुई गृह विभाग की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। निजी सुरक्षा एजेंसियों को बिहार प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी रुल्स-2011 का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है।
बैठक के दौरान पाया गया कि अभी सुरक्षाकर्मियों का प्रशिक्षण एजेंसी के द्वारा ही किया जाता है। ऐसे पांच से छह संस्थान हैं, मगर इसका कोई प्रमाणीकरण नहीं है। इस पर गृह विभाग के विशेष सचिव को निर्देश दिया गया कि प्रशिक्षण संस्थानों का प्रमाणीकरण और मानकीकरण किया जाए। प्रशिक्षण संस्थानों का कम से कम वर्ष में दो बार सक्षम प्राधिकार से निरीक्षण कराया जाए। निजी सुरक्षा एजेंसियों को राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की संभावना तलाशने को भी कहा गया। इस मामले में गृह विभाग की ओर से भी सहयोग करने का आश्वासन दिया गया।
कौशल विकास मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण कराने की भी योजना
निजी सुरक्षाकर्मियों को बिहार कौशल विकास मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण कराने की भी योजना है। निजी सुरक्षा एजेंसी संघ के अध्यक्ष डीपी सिंह ने सुरक्षा गार्ड के प्रशिक्षण के लिए गृह विभाग की ओर से फंड देने की मांग की। इस पर अपर मुख्य सचिव ने श्रम संसाधन विभाग से समन्वय कर इस मामले को निष्पादित कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कौशल विकास का काम श्रम संसाधन विभाग द्वारा ही किया जाता है।