बिहार: कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो मुश्किलें भी छोटी पड़ जाती हैं। कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। बिहार के आयुष 12 लाख का पैकेज छोड़ मुफ्त में दे रहे ऑनलाइन संस्कृत का ज्ञान । शिक्षा में संस्कृत की दशा देख आयुष खुद बच्चों को ऑनलाइन संस्कृत पढ़ाने लगे। वे खुद तो साइंस के छात्र हैं। लेकिन यू-ट्यूब चैनल पर बच्चों को बिहारी अंदाज में संस्कृत पढ़ाते दिखते हैं। उनके पढ़ाने की कला से काफी बच्चे प्रभावित होकर यू-ट्यूब पर उनके मास्टर साहब नाम के चैनल से जुड़े हैं। इस चैनल से दस लाख से अधिक बच्चे संस्कृत की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
बिहार के आयुष 12 लाख का पैकेज छोड़ मुफ्त में दे रहे तीन सालों से ऑनलाइन संस्कृत का ज्ञान
पिछले तीन सालों से आयुष यू-ट्यूब चैनल पर बच्चों को संस्कृत पढ़ा रहे हैं। आयुष को देश के कई प्रतिष्ठित ऑनलाइन कोचिंग संस्थानों से पढ़ाने के लिए एक लाख रुपये महीने का ऑफर दिया गया। लेकिन उनके ऑफर को ठुकरा कर आयुष बच्चों को मुफ्त में संस्कृत की ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं। वे अपने चैनल के अलावा देश के प्रतिष्ठित संस्था ऐडूमंत्रा पर भी पढ़ा रहे है। इससे 17 लाख से अधिक बच्चे जुड़े हुए हैं।
आयुष स्नातक पार्ट-2 के छात्र हैं। वे बीआरए बिहार विवि के आरडीएस कॉलेज से मैथ्स ऑनर्स कर रहे हैं। कोरोना काल में कॉलेज के बंद रहने के बाद से वे सीतामढ़ी के चकमहिला में रहकर बच्चों को ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं। ऑनलाइन क्लास के लिए आयुष ने घर पर ही सारी व्यवस्था कर रखी है।
पिता संजय कुमार मधु भी वर्षों से नवसाक्षरों को पढ़ाने में जुटे हुए हैं। वे महादलित अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना में एसआरजी के रूप में कार्यरत हैं। मां अर्चना कुमारी गृहिणी हैं। आयुष तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं।
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आयुष बताते हैं कि कक्षा छह से मैट्रिक तक संस्कृत को अतिरिक्त विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। अन्य विषयों के शिक्षक आसानी से मिल जाते हैं। लेकिन कोई संस्कृत नहीं पढ़ाना चाहता है। अपनी संस्कृति को बचाने के लिए संस्कृत जरूरी है। इसी उद्देश्य से उन्होंने संस्कृत पढ़ाना शुरू किया। बच्चों की पढ़ने में रोचकता बनी रहे, इसीलिए वे बिहारी अंदाज में मास्टर साहब यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से पढ़ा रहे हैं।