पटना: बालू के अवैध खनन मामले में 41 अफसरों पर होगी FIR राज्य सरकार के आदेश पर हटाए गए सभी अफसरों की संपत्ति की जांच की जाएगी। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को इससे जुड़ा निर्देश दिया गया है।जांच के दायरे में दो एसपी, चार एसडीपीओ, चार इंस्पेक्टर, 14 दारोगा के साथ छह खनन पदाधिकारी, पांच अंचलाधिकारी, तीन मोटरयान निरीक्षक, दो जिला परिवहन पदाधिकारी और एक एसडीओ शामिल हैं। जांच में आय से अधिक संपत्ति पाए जाने पर दोषी अफसरों पर प्राथमिकी भी दर्ज होगी। इसके पहले भी ईओयू ने ही पांच जिलों के अफसरों की बालू के अवैध खनन में भूमिका की जांच की थी।
बालू के अवैध मामले में 41 अफसरों पर FIR
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक बालू के अवैध खनन में इन अधिकारियों की संलिप्तता की बात सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गई है। पहले इन अधिकारियों को फील्ड से हटाया गया और इनकी संपत्ति की जांच कराने का निर्णय लिया गया है। संपत्ति की जांच ईओयू करेगी। चूंकि इन अधिकारियों पर लगे आरोप गंभीर हैं, लिहाजा सरकार ने इनकी संपत्ति के जांच के आदेश दिए हैं।
आदेश जारी होने के बावजूद चल रहा था अवैध खनन का खेल
अवैध खनन को रोकने के लिए खनन विभाग की प्रधान सचिव हरजोत कौर की तरफ से एक आदेश भी जारी किया गया था। इसके बाद भी लगातार पटना, भोजपुर, औरंगाबाद और सारण जिलों में बालू के अवैध खनन का खेल जारी था। फिलहाल जिले की कप्तानी से हटाए गए दोनों ही अधिकारियों को बिहार पुलिस मुख्यालय में तैनात किया गया है।
अवैध खनन के मामले सामने आने के बाद राज्य सराकर के आदेश पर इसकी जांच कराई गई थी। ईओयू ने 1-17 मई के बीच हुए अवैध खनन को आधार बनाकर कई बिंदुओं पर छानबीन के बाद दागी अफसरों के खिलाफ साक्ष्य जुटाते हुए अपनी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को दी थी। फिर इसे गृह विभाग को भेजा गया। गृह विभाग ने जांच रिपोर्ट की समीक्षा करने के संबंधित विभागों के दागी अफसरों पर कार्रवाई की अनुशंसा की थी।
आय से अधिक संपत्ति मिली तो प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई होगी
दागी अफसरों की संपत्ति की जांच के आदेश के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जांच के दौरान कई बिंदुओं पर तहकीकात होगी। अधिकारियों के आयकर रिटर्न के साथ उनके चल-अचल संपत्ति को देखा जाएगा। यह भी पता करने की कोशिश होगी की कहीं बेनामी संपत्ति तो नहीं अर्जित की गई है। यदि आय से अधिक संपत्ति मिलता है तो फिर पीसी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई होगी।
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बालू के अवैध खनन मामले में जिन अफसरों पर कार्रवाई की गई है वे पटना, औरंगाबाद, भोजपुर, रोहतास और सारण जिले में तैनात थे। इन जिलो में सारण को छोड़ बाकी में सोन नदी पड़ती है जहां बालू का खनन बड़े पैमाने पर होता है। इसी आड़ में अवैध खनन भी फलता-फूलता है।